भारत निर्वाचन आयोग 2024: भारत के निर्वाचन आयोग के गठन और कार्य का वर्णन कीजिए

भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) एक संवैधानिक संस्था हैं जो देश में चुनाव की सभी प्रक्रियाओं का संचालन करती हैं।  चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुसार की गई थी यानी भारत निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय हैं जिसका वर्णन संविधान के अनुच्छेद 324 में हैं।

भारत निर्वाचन आयोग क्या हैं (Nirvachan Ayog)

यह एक स्वतंत्र, स्वायत्त संवैधानिक निकाय हैं जो भारत में आम चुनावों तथा उप-चुनावों का निरीक्षण, संचालन, एवं पर्यवेक्षण करता हैं। चुनाव आयोग निर्वाचन से संबंधित मुद्दों पर एक अर्द्ध न्यायिक संस्था के रूप में भी कार्य करता हैं। इसका गठन 25 जनवरी, 1950 को संविधान के प्रावधानों के अनुसार किया गया था। चुनाव आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित हैं।

निर्वाचन आयोग देश में राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा, और राज्य विधानसभाओं के चुनावों का संचालन, निरिक्षण, एवं निर्देशन करता हैं। यह पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों को लेकर कोई कार्य नहीं करता हैं क्योंकि पंचायती राज संस्थाओं के चुनावो के लिए राज्य निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है।

चुनाव आयोग से संबंधित मुख्य बिंदु

  • वर्तमान में चुनाव आयोग 3 सदस्यीय निकाय हैं।
  • इसकी स्थापना 25 जनवरी, 1950 को हुयी थी। अब 25 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रिय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
  • चुनाव  आयोग का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 में दिया गया हैं इसीलिए चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था हैं।
  • संविधान का भाग 15 देश में आम चुनावों और साथ ही उप-चुनावों के बारे में बताता हैं।
  • निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 2001 में स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया गया था।

निर्वाचन आयोग का इतिहास

निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) का गठन 25 जनवरी, 1950 को हुआ था। भारत के संविधान का भाग-15 देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने के लिए एक स्वायत्त निकाय की बात करता हैं। संविधान के भाग-15 में अनुच्छेद 324-329 तक निर्वाचन आयोग के बारे में वर्णन किया गया हैं जो देश में एक निर्वाचन आयोग के गठन, कार्य एवं शक्तियां आदि के बारे में जानकारी देते हैं।

चुनाव आयोग प्रारम्भ में एक सदस्यीय निकाय हुआ करता था लेकिन 16 अक्टूबर, 1989 को इसे बहु सदस्यीय निकाय में परिवर्तित कर दिया था जो 2 जनवरी, 1990 को फिर से एकल सदस्यीय निकाय बन गया था।  इसका अर्थ यह हैं कि भारत निर्वाचन आयोग 16 अक्टूबर, 1989 से 01 जनवरी, 1990 तक बहु सदस्यीय निकाय था। मुख्य निर्वाचन आयुक्त आर. वी. एस. शास्त्री और अन्य दो निर्वाचन आयुक्त के रूप में (एस.एस. धनोवा और वी.एस. सहगल) 3 सदस्यीय निकाय बन गया था।

02 जनवरी, 1990 से 30 सितम्बर, 1993 तक चुनाव आयोग एकल सदस्यीय के रूप में कार्य करता था। लेकिन पुनः भारत सरकार द्वारा 01 अक्टूबर, 1993 से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया है और वर्तमान में यह इसी रूप में कार्यरत हैं।

  • भारत के प्रथम निर्वाचन आयुक्त श्री सुकुमार सेन थे और भारत के वर्तमान मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार हैं।

चुनाव आयोग से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

  • अनुच्छेद – 324 , इसमें भारत निर्वाचन आयोग का प्रावधान किया गया हैं। भारत का चुनाव आयोग देश में आम चुनावों तथा उप-चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण निर्वाचन आयोग में निहित हैं।
  • अनुच्छेद – 325 , भारत का चुनाव आयोग धर्म, मूलवंश, जाती, तथा लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक को अपने मताधिकार के प्रयोग से रोक नहीं सकता हैं और न ही इन आधारों पर मतदाता सूची में शामिल करने से मना करेगा अथवा इन आधारों के अनुसार निर्वाचन नामावली में शामिल करेगा।
  • अनुच्छेद – 326 , लोकसभा तथा सभी राज्यों की विधानसभाओं के लिए चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर निर्वाचन होगा।
  • अनुच्छेद – 327 , इस अनुच्छेद में संसद को निर्वाचन से संबंधित विधायी शक्तियां प्राप्त होती हैं। यह संसद के प्रत्येक सदन और राज्य विधान मंडल के प्रत्येक सदन के निर्वाचनों से संबंधित सभी कानूनों को पारित का अधिकार संसद को देता हैं।
  • अनुच्छेद – 328 , राज्य के विधानमंडलों (विधानसभाओं) को विधायी शक्ति, जो निर्वाचनों के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता हैं। (यह अधिकार तब तक हैं जब तक उन उपबंधों पर संसद कोई कानून न बना दे।)
  • अनुच्छेद – 329 , संसद एवं राज्य विधान मंडलों के निर्वाचन के मामलों में न्यायालयों (कोर्ट) का हस्तक्षेप वर्जित किया गया हैं।

61वे संविधान संशोधन 1988 द्वारा वयस्क मताधिकार की आयु को 21 वर्ष से 18 वर्ष किया गया। इसके लिए संसद ने अनुच्छेद 326 में संशोधन किया था।

निर्वाचन आयोग के कार्य एवं शक्तियां

मुख्य रूप से निर्वाचन आयोग को दो तरह के कार्य और शक्तियां प्राप्त हैं। आयोग को प्रशासनिक एवं सलाहकारी कार्यों के साथ-साथ अर्द्धन्यायिक शक्तियां भी प्राप्त हैं। आयोग निर्वाचन से संबंधित प्रशासनिक कार्यों के अलावा सलाहकारी और न्यायिक शक्तियों का भी प्रयोग समय-समय पर करता हैं।

प्रशासनिक कार्य:

  • देश में एक मतदाता सूची तैयार करना और समय-समय पर इसमें परिवर्तन करना।
  • नए मतदाताओं का पंजीकरण करना तथा नाम हटाना।
  • 18 वर्ष के पात्र उम्मीदवारों को मतदाता सूची में पंजीकृत करना।
  • राजनितिक दलों को मान्यता देना और उनका पंजीकरण करना।
  • राजनितिक दलों के चुनाव चिन्हों का आवंटन करना।
  • संसद के परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव क्षेत्रों का निर्धारण करना।
  • चुनाव के समय आदर्श अचार संहिता लागु करना और इसका पालन करवाना।
  • देश के आम चुनावों और उप-चुनावों का कार्यक्रम, संचालन, एवं निर्धारण करना आदि।

सलाहकारी कार्य:

चुनाव आयोग के सलाहकारी कार्य निम्न हैं-

  • चुनाव के बाद उम्मीदवारों (संसद/विधानसभा सदस्यों) की अयोग्यता के मामले में आयोग राष्ट्रपति और राज्यपाल को सलाहकार के रूप में अधिकार रखता हैं। और राष्ट्रपति/राज्यपाल के लिए चुनाव आयोग की सलाह बाध्यकारी होती हैं।
  • चुनाव के समय भ्रष्ट आचरण करने वाले उम्मीदवारों के फैसलों के लिए सुप्रीम कोर्ट तथा उच्च न्यायलय (SC/HC) चुनाव आयोग की राय के लिए मामला निर्वाचन आयोग के पास भी भेजा जाता हैं। क्या ऐसे व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जाये? और यदि अयोग्य घोषित करना हैं तो किस अवधि तक?
  • संसद सदस्य की योग्यता संबंधी विवाद पर निर्णय निर्वाचन आयोग के परामर्श पर राष्ट्रपति देता हैं।
  • अनुच्छेद 324 के अनुसार राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग की सलाह पर प्रादेशिक आयुक्तों की नियुक्ति करते हैं।

अर्द्ध-न्यायिक शक्तियां:

यदि कोई उम्मीदवार नियम के तहत निश्चित की गयी समय-सीमा के भीतर और कानून द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार अपने चुनावी खर्चों का लेखा-जोखा करने में विफल रहता हैं तो चुनाव आयोग के पास ऐसे उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करने की शक्ति प्राप्त हैं।

आयोग के पास राजनितिक दलों के विभाजन और विलय से संबंधित फैसलों को देने के लिए अर्द्ध-न्यायिक शक्तियां होती हैं। इससे संबंधित सभी विवादों को निपटाने की शक्ति भारत चुनाव आयोग में निहित हैं। चुनाव आयोग बंटवारे के बाद चुनाव-चिन्हों के आवंटन का निर्णय भी देता हैं।

चुनावों में किसी भी प्रकार की अनियमितता, धांधली, बूथ कैप्चरिंग के कारणों के आधार पर निर्वाचन आयोग चुनाव को रद्द कर सकता हैं।

कार्यकाल

  • चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) होता हैं।
  • अन्य दोनों चुनाव आयुक्तों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष (जो भी पहले हो) तक होता हैं।

इसके अलावा सभी चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौप कर भी अपना कार्यकाल समाप्त कर सकते हैं। सभी चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा देते हैं।

पद से हटाना

  • मुख्य चुनाव आयुक्त को उच्च न्यायलय के न्यायाधीशों के समान ही संसद द्वारा हटाया जा सकता हैं।
  • जबकि अन्य चुनाव आयुक्तों को मुख्य चुनाव आयुक्त की सलाह पर हटाया जा सकता हैं।

निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष कौन है

भारत के एक मात्र मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ नागेन्द्र सिंह जो अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय में न्यायाधीश रहे हैं। भारत के सबसे परिवर्तनकारी निर्वाचन आयुक्त टीएन शेषन ने रिटायरमेंट के बाद राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा था। इन्होने दो बार राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ा था और दोनों बार चुनाव हार गये।  ये 10 वे मुख्य निर्वाचन आयुक्त थे।

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त 2024 कौन है?

वर्तमान में देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार हैं। हाल ही में 14 मार्च, 2023 को दो अन्य चुनाव आयुक्तों को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया गया हैं। वर्तमान में देश के दो अन्य चुनाव आयुक्त हैं – श्री ज्ञानेश कुमार और डॉ सुखबीर सिंह संधू। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के संबंध में एक अधिसूचना भारत सरकार द्वारा 14 मार्च, 2024 को राजपत्र में प्रकाशित की गई थी।

विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत के निर्वाचन आयोग की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता हैं। हालाँकि यह इसके अंडर में काम नहीं करता हैं क्यूंकि यह आयोग एक स्वायत्त निकाय हैं।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs) (2017)

प्रश्न. 01 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये-

  1. भारत का चुनाव आयोग पांँच सदस्यीय निकाय है।
  2. केंद्रीय गृह मंत्रालय आम चुनाव और उपचुनाव दोनों के संचालन के लिये चुनाव कार्यक्रम तय करता है।
  3. चुनाव आयोग मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के विभाजन/विलय से संबंधित विवादों का समाधान करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2

(c) केवल 2 और 3

(d) केवल 3

उत्तर: (d)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न- 01. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त 2024 कौन है?

उत्तर: वर्तमान में श्री राजीव कुमार (2024) भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं।

प्रश्न- 02. भारत के निर्वाचन आयोग का मुख्यालय कहाँ है?

उत्तर: नई दिल्ली, यह एक अखिल भारतीय संस्था हैं।

प्रश्न- 03. भारत की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे?

उत्तर: भारत की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त वी॰ एस॰ रमादेवी (26 नवम्बर 1990 से 11 दिसम्बर 1990) थी।

प्रश्न- 04. भारत के चुनाव आयोग में वर्तमान में कितने आयुक्त हैं?

उत्तर: भारत के चुनाव आयोग में वर्तमान में तीन चुनाव आयुक्त हैं। इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त तथा दो अन्य चुनाव आयुक्त हैं।

प्रश्न- 05. भारत के चुनाव आयोग को शिकायत कैसे दर्ज करें?

उत्तर: भारत के चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ। इसके अलावा आप सिविजिल (cVIGIL) एप्प से भी चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

प्रश्न- 06. VVPAT का फुल फॉर्म क्या हैं?

उत्तर: VVPAT का फुल फॉर्म वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (Voter Verifiable Paper Audit Trail) हैं।

प्रश्न- 07. नोटा (NOTA) का पहली बार प्रयोग भारत में कब हुआ था?

उत्तर: नोटा (NOTA) का पहली बार प्रयोग भारत में वर्ष 2009 में हुआ था.

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स्रोत हिंदू

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